वैज्ञानिक खोज लाए चंद्रमा का वो राज, जिससे दुनिया है अनजान पर अब भी फंसा है पेच

चांद पर क्या है, चंद्रमा कैसा है, वह धरती से कितना अलग है, क्या वहां जीवन संभव है? राज सुलझाने में पूरी दुनिया लगी है. चांद पर हर देश अपने-अपने तरीके से खोज कर रहा है. अमेरिका हो या रूस, भारत हो या चीन, सभी चंद्रमा की गुत्थी को सुलझाना चाहते हैं. इस बीच वैज्ञानिक चंद्रमा का वो राज खोज लाए हैं, जिससे दुनिया अनजान है. जी हां, यह कारनामा चीनी वैज्ञानिकों ने किया है. चंद्रमा के सुदूर भाग वाले मिट्टी से उसके रहस्यों का पता चल गया है.

दरअसल, चीन के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के आधार पर बताया है कि चंद्रमा के सुदूर यानी दूरदराज वाले भाग से प्राप्त मिट्टी और चट्टानों से संकेत मिलते हैं कि चंद्रमा का हिस्सा पृथ्वी की ओर वाले हिस्से की तुलना में अधिक शुष्क हो सकता है. वैज्ञानिकों ने हालांकि कहा कि स्पष्ट तस्वीर के लिए और अधिक नमूनों की आवश्यकता होगी. शोधकर्ताओं ने कहा कि चंद्र आवरण में पानी की प्रचुरता यह समझाने में मदद कर सकती है कि चंद्रमा कैसे विकसित हुआ.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पिछले साल चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला पहला देश बन गया था. चीनी अंतरिक्ष यान ‘चांग’ई 6’ ने दक्षिण ध्रुव-‘ऐटकेन बेसिन’ से ज्वालामुखीय चट्टान और मिट्टी को निकाला था. ‘चीनी विज्ञान अकादमी’ के सेन हू ने बताया कि उन्होंने और उनकी टीम ने पांच ग्राम मिट्टी के नमूने लिए और फिर विस्तृत विश्लेषण के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से 578 कणों का चयन किया. उन्होंने बताया कि चंद्रमा के निकटवर्ती भाग से पिछले दशकों में एकत्र किए गए नमूनों की तुलना में इनमें पानी की प्रचुरता 1.5 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से भी कम है.

उन्होंने आगे कहा, ‘चंद्रमा के निकटवर्ती भाग से लिए गए नमूनों में यह मात्रा एक माइक्रोग्राम से लेकर 200 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम के बीच है. यह अध्ययन ‘नेचर पत्रिका’ में प्रकाशित हुआ है. इसमें कहा गया है कि कम नमूने होने के कारण अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह शुष्क स्थिति कितनी व्यापक है. इसमें कहा गया है कि अभी और नमूनों पर अध्ययन किए जाने की जरूरत है. यहां बताना जरूरी है कि भारत भी अपने चंद्रयान मिशन के जरिए चांद के रहस्य को सुलझाने में जुटा है.

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